खादी ग्रामोद्योग
उत्तर प्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा वर्तमान में 03 योजनाऐं संचालित की जा रही है । जिसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण स्तर पर स्वरोजगार को बढ़ावा देना ।
1.मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना
उ०प्र० खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड की व्यक्तिगत उद्यमियों को बैंकों से वित्त पोषण उपलब्ध कराने के लिए ʺमुख्य मंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजनाʺ संचालित है ।
उद्देश्य-
ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती बेरोजगारी का समाधान करने, ग्रामीण शिक्षितों का शहरों की ओर पलायन को रोकने तथा अधिक से अधिक रोजगार का अवसर गॉव में ही उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के व्यक्तिगत उद्यमियों को पूंजीगत ऋण एव कार्यशील पूंजी रू० 10.00 लाख तक की वित्तीय सहायता बैंकों के माध्यम से प्रदान की जाती है। योजना के अन्तर्गत सामान्य वर्ग के लाभार्थियों हेतु पूंजीगत ऋण (टर्म लोन) 4 प्रतिशत से अधिक, ब्याज की धनराशि ब्याज उपादान के रूप में शासन से जिला योजना में प्राप्त धनराशि से उपलब्ध करायी जाती है। आरक्षित वर्ग के लाभार्थियों (अनुसूचित जाति, अनु जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, विकलांग, महिलायें एवं भूतपूर्व सैनिक) को पूंजीगत ऋण (टर्म लोन) पर सम्पूर्ण ब्याज की धनराशि शासन द्वारा जिला योजना के अन्तर्गत प्राप्त धनराशि से बैंक क्लेम के अनुसार पांच वर्षों तक स्थापित एवं कार्यरत इकाईयों के पक्ष में उपलब्ध करायी जाती है। व्यवसायिक बैंको तथा ग्रामीण बैंकों द्वारा उनके सेवा क्षेत्र के अन्तर्गत सम्बन्धित गॉंव या ग्रामीण क्षेत्र स्थित हों, नियमानुसार ऋण उपलब्ध कराया जाता है। यह योजना जिलाधिकारी महोदय के सीधे नियंत्रण में खादी तथा ग्रामोद्योग विभाग द्वारा क्रियान्वित की जाती है ।
2. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना पूर्णतया भारत सरकार द्वारा प्रायोजित एक महत्वपूर्ण स्वरोजगार की योजना है, जिसका संचालन प्रदेश में तीन एजेन्सियों क्रमशः जिला उद्योग केन्द्र, खादी और ग्रामोद्योग आयोग, एवं उ0प्र0 खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा किया जाता है। भारत सरकार द्वारा उक्त योजना के क्रियान्वयन हेतु राष्ट्रीय स्तर पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग, (के0वी0आई0सी0) को नोडल एजेन्सी के रूप में नामित किया गया है। भारत सरकार द्वारा उक्त योजना के क्रियान्वयन में उपरोक्त तीनों एजेन्सियों के मध्य में 40ः 30ः 30ः प्रतिशत का अनुपात निश्चित किया गया है। तद्नुसार ही तीनों एजेन्सियों को बजट एवं लक्ष्य का आवंटन प्राप्त होता है योजना का विवरण निम्नवत है।
योजना का विवरण निम्नवत् है
कार्यक्षेत्रः- उद्यम की स्थापना ग्रामीण क्षेत्र में ही अनुमन्य है।
परियोजना का अधिकतम आकारः- रू०-25.00 लाख तक।
पात्र उद्यमीः- 18 वर्ष से ऊपर आयु का पुरूष/महिला उद्यमी।
लाभार्थियों का चयनः- जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय कार्यदल के माध्यम से होता है।
परियोजना की मंजूरीः- तकनीकी आर्थिक व्यवहार्यता के अनुसार बैकों द्वारा परियोजना की मंजूरी प्रदान की जाती है।
निजी अंशदानः- सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों को परियोजना लागत का 10 प्रतिशत एवं आरक्षित श्रेणी के लाभार्थियों हेतु परियोजना लागत का 5प्रतिशत का अंशदान लगाना होता है।
3.पं0 दीनदयाल ग्रामोद्योग रोजगार योजना
पं० दीनदयाल ग्रामोद्योग रोजगार योजना के क्रियान्वयन
ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती बेरोजगारी का समाधान करने, ग्रामीण शिक्षित बेरोजगार नवयुवकों का शहरों की ओर पलायन को हतोत्साहित करने तथा अधिक से अधिक रोजगार का अवसर गॉव में ही उपलब्ध कराने एवं ‘एक जनपद एक उत्पाद‘ योजनान्तर्गत स्थापित उद्योगों को नवीन तकनीक के साथ–साथ उनकी वित्तीय एवं आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के निहितार्थ प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के व्यक्तिगत उद्यमियों को उत्प्रेरित करने के उद्देश्य से पं० दीनदयाल ग्रामोद्योग रोजगार योजना की संरचना की गयी है। इस योजना के अर्न्तगत प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अर्न्तगत वित्तपोषित/स्थापित इकाईयों को ब्याज उपादान की सुविधा अनुमन्य की जायेगी, जिसके अन्तर्गत प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना में तीनों एजेन्सियों क्रमशः जिला उद्योग केन्द्र, खादी एवं ग्रमोद्योग आयोग तथा उ०प्र० खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा प्रायोजित समस्त ग्रामीण इकाईयां आच्छादित होंगी। पं० दीनदयाल ग्रामोद्योग रोजगार योजना उत्तर प्रदेश के समस्त जनपदों के ग्रामीण क्षेत्रों में वर्तमान वित्तीय वर्ष से क्रियान्वित होगी।